नीला आसमान
गगन का पट खुल गया सारा
लुप्त हुआ आसमान से तारा
सूरज की किरण ले है आई
जगमग रोशनी जग मे फैलाई
सात अश्व की रथ पर आया
भगवान भास्कर नभ पे दिखलाया
नई स्फूर्ति नई शक्ति का संचार
लेकर आया नव यौवन सा बयार
चारों ओर उजाला है छाया
रात की काली तम चेहरा छुपाया
चिड़ियॉ जाग रही डाली पर
चहक रही गीतों की धुन पर
कितना सुंदर वन है सुहाना
दूर गगन तक है हमें ज़ाना
नीला आसमान पे बादल है छाया
चारों दिशा मधुमास का साया
चलो चलें गुरूकूल सब भाई
पढ़ने लिखने की समय है आई
ज्ञानी बनकर वापस है आना
जग को नई राह है बतलाना
— उदय किशोर साह