कविता

शिव महिमा

शिव की महिमा का करना बखान
भक्तों के लिए नहीं आसान.
विष पीकर कहलाए नीलकंठ
हे सोमनाथ हे वैद्यनाथ
कर बद्ध  तुझको करूँ नमन.
हे  मल्लिकार्जुन हे महाकालेश्वर
तेरे शरणागत को कैसा डर.
हे भीमाशंकर हे  नागेश्वर
तुझको पूजे नर नारी और ईश्वर.
हे ओमकारेश्वर हे  रामेश्वर
तुझसे ही व्याप्त है समस्त जगत.
सबके  तू तो पालन हारी
हे शिव शंकर भोले भंडारी.
नंदी बैल की करे सवारी
कष्टों के का नाश करो त्रिपुरारी.
 गंगा तेरी जटा विराजे
मस्तक पर चंद्रमा साजे
जो भी तेरे शरण में आता
रोग शोक उसे छू नहीं पाता
यह जो फैली है महामारी
उसको हर ले तू त्रिपुरारी.
भवसागर से कर दे पार
हे त्रिभुवन हे त्रिलोचन
तेरी महिमा अपरंपार.
— सविता सिंह मीरा 

सविता सिंह 'मीरा'

जन्म तिथि -23 सितंबर शिक्षा- स्नातकोत्तर साहित्यिक गतिविधियां - विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित व्यवसाय - निजी संस्थान में कार्यरत झारखंड जमशेदपुर संपर्क संख्या - 9430776517 ई - मेल - [email protected]