हास्य व्यंग्य-माफ कर दीजिए
ये तो चीटिंग है बाबा जी
आपकी सीट कन्फर्म थी,
हम तो समझते थे आपका रिटर्न टिकट है
मगर आप तो कन्फर्म टिकट लिए घूम रहे थे
हम तो समझ ही नहीं पाये आपके कन्फर्म को
हम तो वेटिंग में ही उलझे रहे और आप…….।
अब बहुत हो गया बाबा जी
मुझे भी अपनी शरण में ले ही लो
वरना हम राम जी से गुहार लगाएंगे
कन्हैया तक अपनी बात पहुंचाएंगे
देखिए न हम भी “जय श्री राम”बोल रहे हैं
आपके साथ साथ हम भी मथुरा काशी चल रहे हैं
मोदी जी की छाया में, आपकी माया से
हम तो सदा ही वेटिंग ही रह जायेंगे।
क्षमा करो प्रभु हम कसम खाते हैं
आप जब तक चाहो कन्फर्म टिकट पर
जी भरकर यात्रा करते रहिए
आपका कमंडल लेकर हम पीछे पीछे चलेंगे
पर आप मुझे भी अपना आशीर्वाद देते रहिए।
आप महान हैं, हमारे परमेश्वर हैं
आपके चरण रज माथे पर लगा सकूं
इतनी कृपा तो मुझ अज्ञानी पर कीजिए,
एक सौ पैंतीस करोड़ जनता के साथ साथ
मेरा भी अब आप ही उद्धार कीजिए।
मैं नीचे अधम अज्ञानी हूं मुझे माफ़ कीजिए
जो हुआ अब उसे भूल जाइए
बजरंगबली से मेरी सिफारिश कर दीजिए
राम जी मुझे अब माफ़ कर दें
मेरी याचना राम जी तक भिजवा दीजिए।
माना कि मेरी भूल माफी के लायक नहीं है
मगर आप चाहें तो मुझे माफ़ करवा दीजिए,,
आप तो संत, योगी, संन्यासी हैं
बस मेरे सिर पर अपना हाथ रख दीजिए,
मुझ मूढ़ का भी उद्धार कर
मेरा भी जीवन धन्य कर दीजिए।