रंग – रँगीली होली
रंग – रँगीली होली आई।
छटा – सुहानी ब्रज में छाई।।
अपनी -अपनी लें पिचकारी।
रंग भरी मारें सब धारी।।
भैया ने खंजड़ी बजाई।
रंग – रँगीली होली आई।।
रामू ने गुलाल मल डाला।
मुख लगता अब बंदर वाला।।
रानी गुब्बारे भर लाई।
रंग – रँगीली होली आई।।
लाल ,हरा, काला या पीला।
लगा रहा है कोई नीला।।
रंगों की बहार मनभाई।
रंग- रँगीली होली आई।।
रोली ,चंदन मलता कोई।
गई आँख में मुन्नी रोई।।
बुरा न मानें होली भाई।
रंग – रँगीली होली आई।।
कीचड़ नहीं किसी पर डालें।
बैर – भाव भी नहीं निकालें।।
खेलें होली बाबा ताई।
रंग – रँगीली होली आई।।
बजते हैं ढप – ढोलक न्यारे।
झींगा ,मंजीरे अति प्यारे।।
‘शुभम’ नाचते लोग – लुगाई।
रंग – रँगीली होली आई।।
— डॉ. भगवत स्वरूप ‘शुभम’