फाग उत्सव
छुप- छुप डारे रंग मोरा श्याम सलोना।
छुप जाऊँ चाहे मैं कहीं भी, ढूँढे कोना कोना।
मोरा श्याम सलोना
कभी वो डाले रंग लाल और कभी नीला पीला
कभी तो डारे रंग सुखा कभी करे मोहे गीला।
नाच नचाये मोहे छ्लीया जैसे कोई खिलौना ।
मोरा श्याम सलोना,,,,
खेलत मुझसे होरी निगोड़ा मोहे बहुत सताये
करुँ शिकायत माँ यशोदा से तो मंद मंद मुसकाये।
पल भर में मोहे आये हंसी और पल भर में मोहे रोना।
मोरा श्याम सलोना
— वीणा चौबे