कवितामुक्तक/दोहा

विश्व वानिकी दिवस

आज विश्व वानिकी दिवस है. प्रतिवर्ष 21 मार्च को पेड़ों के महत्व के विषय में जन-जागरूकता फैलाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘विश्व वानिकी दिवस’ मनाया जाता है। जंगलों के बचाए रखने के लिए वर्ष 1971 में यूरोपीय कृषि संगठन की 23वीं आम बैठक में 21 मार्च को प्रतिवर्ष ‘विश्व वानिकी दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया गया.

चिड़िया की सुनो-
हरे जंगलों को काटकर कंक्रीट के जंगल बना रहे हो,
वार्मिंग बढ़ती जा रही है, इसलिए ए.सी. चला रहे हो,
कृत्रिम हवा में दम घुटता है, फिर भी मानते नहीं हो,
हमारा तो नहीं, अपने भले-बुरे का विचार भी नहीं कर रहे हो.
सबका भला चाहते हो तो वृक्षों का काटना छोड़ो,
फूलों-कलियों से सुसज्जित उपवन से नाता जोड़ो,
सारा दिन कम्प्यूटर से माथाफोड़ी करना क्या अच्छा है!
सोचो-समझकर कदम उठाओ प्रदूषण की कमर तोड़ो.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244