“होली के रंग” कवि सम्मेलन
नई दिल्ली। देश की अग्रणी साहित्यिक संस्था हिंदी की गूंज एवं काव्य वृष्टि पटल के सयुंक्त तत्वाधान में “होली के रंग” कवि सम्मेलन ऑनलाइन आयोजित किया गया, जिसमें देश के विभिन्न भागों से प्रतिष्ठित कवियों ने अपने काव्य रूपी रंगों से सबको सराबोर कर दिया।
रविवार की देर शाम तक चले कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ वर्षा सिंह ने माँ सरस्वती की वंदना से किया। उन्होंने होली पर बाल कविता प्रस्तुत करते कहा कि-
पिंटू ,बिट्टू रंगों के संग ले आए पिचकारी।
होली है भाई होली है, निशि खुशी से बोली।।
विशिष्ट अतिथि बिजनौर के नजीबाबाद से जुड़े वरिष्ठ कवि प्रदीप डेजी ने मधुर आवाज में कहा– रंगों से मेरी सुबह रंगो से मेरी शाम रंगो । तुम आ करके इस होली पे फिर से मेरी मुस्कान रंगो ।। मैं हूं बदरंग तुम्हारे बिन दुनियादारी के मेले में । आओ तुम आ करके अपने संग में मेरी पहचान रंगो।। तो वहीं ग्रेटर नोएडा से जुड़ी अर्चना सिंह ने कहा-
हर तन हो राधा जैसा, हर मन हो कृष्णा जैसा।
बन जाये यह जीवन, सबका वृंदावन जैसा।।
डॉ वर्षा सिंह ने कहा-
होली पर उड़ने लगा, चारों और गुलाल।
मस्तों की टोली करें, पीकर भांग धमाल।।
कार्यक्रम का संचालन कर रही डॉ वर्षा महेश गरिमा ने कहा-
प्यार के रंग उड़ाओ कि है फागुन आया।
मीत मनमीत बुलाओ कि है फागुन आया।
दूर से देखेगा कब तक यूं धरा को अंबर
चांद ले आओ जमीं पर कि है फागुन आया।।
युवा कवि के शंकर सौम्य ने कहा-
होली में हौले से हो ली किसी की,
जो कल तक लगाती थी रोली किसी की।
सजाकर वो चेहरे पे मासूमियत को,
बनी आज फिरती सहेली किसी की।।
हिंदी की गूँज के संयोजक , शिक्षाविद एवम् वरिष्ठ कवि
नरेंद्र सिंह नीहार ने कहा-
होली के रंगों में साथी, रंग प्यार के घोलो।
छूटे से फिर नहीं छुटेंगे, कितना रगड़ो धो लो।
बहराइच के युवा कवि पंकज शुक्ल नूतन ने खूब रंग जमाया उन्होने कहा –
प्यार के रंगों में रंगा हुआ त्योहार है होली,
अलौकिक दिव्य अनुपम अद्भुत सरस त्योहार है होली…।।
राजस्थान से जुड़े बलराम निगम ने कहा-
कोई छोटा ना बड़ा ,सब है एक समान।
होली होली हो गया, मेरा हिंदुस्तान।
डॉ ममता श्रीवास्तवा ने कहा-
प्यार की पिचकारी में भर लो अपनेपन का रंग।
मिल कर होली खेलो सारे प्रियजनों के संग।।
योगी विक्रम सिंह ने कहा-
सुनो साथी सभी दिल से ये होली मुबारक हो।
ये घर घर फाग के रंगों की रंगोली मुबारक हो।।
कुशल संचालक खेमेन्द्र सिंह ने सभी का आभार व धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम का सफल संचालन खेमेन्द्र सिंह व डाॅ. वर्षा महेश गरिमा ने किया। कार्यक्रम में गिरीश चंद्र जोशी, उर्मिला रौतेला, पीयूष चौहान, सुहानी सिंह, मनजीत, भावना मिलन अरोड़ा, निर्मला जोशी, राकेश जाखेटिया, संजय कुमार सिंह आदि ने जुड़कर कवियों का उत्साहवर्धन किया।