सपने देखो खुशियों वाले
सपने देखो खुशियों वाले ,
जिनमे ना हो दुख के ताले।
अन्धकार को दूर भगा के ,
लाओ मस्ती भरे उजाले।
मेले में जा कर खोजो जी ,
ठेले चाट समोसे वाले।
मेले में जा कर देखो जी ,
जादू वाले खेल निराले।
सपने में हों गुड्डे गुड़िया ,
जिनके मुखड़े भोले भाले।
नित देखो तुम नए नवेले ,
सपने जो हों खुशियों वाले।
— महेंद्र कुमार वर्मा