कहानी

कहानी – वो प्यार

उसकी शादी की खबर ने बुरी तरह से झकझोड़ दिया मुझे. खैर इसमें उसकी कोई गलती तो थी ही नहीं,कभी अपनी भावनाओं को मैंने व्यक्त किया ही नहीं. पहली बार देखा था जब उसे, वसंत पंचमी का दिन था वासंती वातावरण और पीली पीली पोशाक में थी वो. नजर हटी नहीं रही थी उसकी तरफ से. अब तो जैसे हर रोज उसके आने जाने की राह तकना हीं मेरा काम रह गया था.वो कब गुजरे और मेरे दिल को करार आये. यूं ही देखते देखते 6 महीने गुजर गए पर उससे कुछ कहने की हिम्मत नहीं हुई, पता नहीं क्या चीज मुझे रोके जा रही थी, चाह कर भी व्यक्त नहीं कर पाया मैं. दिन यूं ही गुजर रहे थे, वो आती जाती मेरे रस्ते से और मैं बस उसकी प्रतीक्षा करता. अचानक कुछ दिनों से उसका आना जाना बंद हो गया, कई बार कोशिश की लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया कि क्या बात है. अचानक लगभग एक साल के बाद देखा उसे, उसकी एक झलक ने मुझे अंदर तक तोड़ दिया. लाल सिंदूर से भरी मांग, हाथों में चूड़ी, माथे पर बिंदी, सोलह श्रृंगार से परिपूर्ण. मेरी तो दुनिया ही जैसे उजड़ गई, अब जीवन में जैसे कुछ बचा ही नहीं. बिना बोले उसे समुद्र की गहराई जैसा प्यार किया था मैंने. फिर कहते हैं ना ईश्वर के सामने किसकी चलती है. मैंने भी ताउम्र बस उसे याद करते हुए बिताना सही समझा क्योंकि अगर कोई दूसरी आती है तो उसके साथ अन्याय होता. 5 वर्ष बीत चुके थे दिन गुजर रहा था, अचानक मुझे खबर मिली जिसे मैं दिलो जान से चाहता था उसके पति की रोड एक्सीडेंट में मृत्यु हो गई. एक 3 वर्ष की बेटी और गोद में छोटा सा बालक, ह्रदय विदारक दुख श्रृंगार रहित चेहरा. ईश्वर ने भी उसके साथ कैसा मजाक रचा यही सोच रहा था. फिर पता चला उस लड़की के मां-बाप चाहते हैं कि उसका दोबारा घर बसे. यह बात मेरे कानों तक भी आई, फिर मैंने सोचा जिसकी याद में ताउम्र यूं ही गुजर रहा था क्यों ना उसके जीवन में दोबारा से मोहब्बत का रंग भर दूँ. मन ही मन ये निश्चय किया और उसके मां-बाप से मिलने उसके घर चला गया. उसके मां-बाप को अपनी सारी बातें कह सुनाई और कहां मैंने आपकी बेटी का हाथ अगर उचित लगे तो मेरे हाथों में दे दीजिए. उनके बच्चों का मैं पिता बनना चाहता हूं. उसके पिता ने मेरे इस आवेदन को सहर्ष स्वीकार किया. आज मेरी बेटी सॉफ्टवेयर इंजीनियर है, और बेटा का अपना व्यवसाय. मेरा प्यार आज मेरे साथ है मुझे अब कुछ भी नहीं चाहिए था, इस घर की बागडोर उसके हाथों में बिल्कुल सुरक्षित हो गई थी.

— सविता सिंह मीरा

सविता सिंह 'मीरा'

जन्म तिथि -23 सितंबर शिक्षा- स्नातकोत्तर साहित्यिक गतिविधियां - विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित व्यवसाय - निजी संस्थान में कार्यरत झारखंड जमशेदपुर संपर्क संख्या - 9430776517 ई - मेल - [email protected]