हमने भी सीखा- 11
मुक्तक
आके तेरे दर बिना दीदार के लौट गए
हमारा तो कुछ न बिगड़ेगा
लोग तुम्हें बेवफा कहेंगे.
सफर सफ़रमय ही रहता
जो तेरे होने का मधुर एहसास
साथ नहीं होता.
पॉजीटिव होना अच्छा है
कभी-कभी
निगेटिव होना भी वरदान है
कोरोना ने समझाया है.
जीवन के हर पुल को
पार करते रहे आसानी से
एक तुम ही हो
जिस पर कांटा अटक गया है