गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

तुम्हे एहसास भी न होगा मेरे होने का
ग़म न कर प्यार के खोने का
रो-रोकर गर जिंदगी बिताया तो
कभी एहसास न होगा किसी खुशी का।
ग़म न कर उसके बिछड़ जाने का
कुछ पाना कुछ खोना ही तो नाम है जिंदगी का।
माना नये दोस्त मिले हैं खुशी मनाने को
मगर कुछ तो वास्ता रख पुराने यारों का।
यूं ही चला चल परवाह न कर मंजिल का
क्योंकि जिंदगी नाम है गुजर जाने का।

*विभा कुमारी 'नीरजा'

शिक्षा-हिन्दी में एम ए रुचि-पेन्टिग एवम् पाक-कला वतर्मान निवास-#४७६सेक्टर १५a नोएडा U.P