लघुकथा

पुलिया पर कुत्ते

जगराती ने अपनी तीन पुत्रियों में सबसे छोटी अंजली को हांथ में दूध की बाल्टी और बीस का एक नोट पकड़ाकर डेयरी से दूध लाने को भेजा। इससे पहले बीच वाली नेहा लाया करती थी। अब वह पढ़ाई के साथ घर का दूसरा काम देखती है।
‘मां…!’
‘क्या है…? दूध रख दे रसोईं में’ फर्श पर पोंछा लगाते हुए जगराती देवी ने विना देखे ही पुत्री से कहा
‘कुत्ते…’ पलट कर देखा तो अंजली भयभीत मुद्रा में खड़ी दिखी। हांथ में बाल्टी तथा बीस का नोट ठीक वैसे थे जिस तरह वह घर से लेकर गयी थी।
कुत्ते …? कहां हैं कुत्ते …?
‘गली में भोंक रहे थे …?’
‘डर गयी… ?’
‘ रहने दे लाती हूं थोड़ी देर में ‘
दूसरे दिन नेहा को अकेले ही विद्यालय जाना पड़ा। उस दिन सहेलियों की मासिक परीक्षा नही थी । गांव से कुछ दूर पुलिया है। जहां अवारा किस्म के दो -चार लड़के अक्सर जमें रहते हैं। आज भी वे मोबाइल पर फूहड़ गाने फुल- साउण्ड में बजा रहे थे। नेहा दूर से ही अंदाजा लगाकर घर वापस लौट आयी । जगराती का खून खौल उठा…
कल गली के कुत्तों से छोटी बेटी का विना दूध लिए वापस होना और आज विना परीक्षा दिए मध्यमा का घर लौट आना उसे नागवार गुजरा।
‘गली में कुत्ते, पुलिया पर कुत्ते …! ‘ कुकुरमुत्ते की तरह हर जगह कुत्ते ही कुत्ते…?’
उसने गांव की कुछ जुझारू घस्यारिनों को बुलाया और दोनों दिन का वाकया कह सुनाया। कमर से दराती निकालती हुई जगराती ने कहा –
‘हम घस्यारिनों पर जंगल में बाघ भी हमला करने से डरता है और यहां अपनी ही गली के कुत्ते हमारी बेटियों पर भोंक रहे हैं। स्कूल जाती लड़कियों पर अश्लील गाने बजा रहे हैं सड़क- छाप कुत्ते…! ‘
‘इन कुत्तों का क्या करें …?’ एक ने कहा- ‘ इनके मालिकों को सचेत करना पड़ेगा। कुत्ता पालना हो तो उनको काबू में रखो, बांध कर रखो’
‘और पुलिया पर बैठने वाले कुत्तों का …?’ खिमुली देवी ने पूछा-
‘इन्हीं दरातियों से उन्हें भी सबक सिखाएंगे’ जगराती देवी की आवाज कड़की।
‘कल स्कूल -टाइम पर सब हमारे साथ चलना अपनी अपनी दरातियां लेकर ‘ जगराती ने निर्णय सुनाया।
अगले दिन लड़कियां स्कूल जाने लगीं और पीछे-पीछे जगराती की दराती धारी टुकड़ी… आज पुलिया निर्जन थी और स्कूली बालिकाएं निर्भय…
कहते हैं खतरा भांपने की सर्वाधिक शक्ति कुत्तों में ही होती है…।
— मोती प्रसाद साहू

मोती प्रसाद साहू

जन्म -1963 वाराणसी एक कविता संग्रह-पहचान क्या है प्रकाशित विभिन्न दैनिक पत्र-पत्रिकाओं ;ई0 पत्रिकाओं में रचनाओं का नियमित प्रकाशन संपर्क 9411703669 राजकीय इण्टर कालेज हवालबाग अल्मोड़ा उ0ख0 263636 ई0 मेल- [email protected]