तुमने हमको गले लगाकर
आभार तुम्हारा करते पल-पल, जीवन जीना हमें सिखाया।
तुमने हमको गले लगाकर, प्रेम का पहला पाठ पढ़ाया।।
जीवन में हम भटक रहे थे।
बिना लक्ष्य के लटक रहे थे।
तुमने तब था थामा हमको,
जब सबको हम खटक रहे थे।
जब-जब हम गिरकर टूटे, तुमने अपना हाथ बढ़ाया।
तुमने हमको गले लगाकर, प्रेम का पहला पाठ पढ़ाया।।
नहीं कभी भी हमको बांधा।
जब भी टूटे तुमने साधा।
तुमसे ही था जीना सीखा,
तुम्हारे बिना अब भी हूँ आधा।
हमने थी बस दया दिखाई, तुमने सब कुछ हमें थमाया।
तुमने हमको गले लगाकर, प्रेम का पहला पाठ पढ़ाया।।
प्रेम की नहीं कोई है सीमा।
ना कोई बंधन, ना कोई बीमा।
अपने अंदर हमें समाकर,
आनन्द की तोड़ी सारी सीमा।
जीवन अमृत हमें पिलाकर, युग शिखरों पर हमें चढ़ाया।
तुमने हमको गले लगाकर, प्रेम का पहला पाठ पढ़ाया।।