गीत/नवगीत

तुमने हमको गले लगाकर

आभार तुम्हारा करते पल-पल, जीवन जीना हमें सिखाया।
तुमने हमको गले लगाकर, प्रेम का पहला पाठ पढ़ाया।।

जीवन में हम भटक रहे थे।
बिना लक्ष्य के लटक रहे थे।
तुमने तब था थामा हमको,
जब सबको हम खटक रहे थे।

जब-जब हम गिरकर टूटे, तुमने अपना हाथ बढ़ाया।
तुमने हमको गले लगाकर, प्रेम का पहला पाठ पढ़ाया।।

नहीं कभी भी हमको बांधा।
जब भी टूटे तुमने साधा।
तुमसे ही था जीना सीखा,
तुम्हारे बिना अब भी हूँ आधा।

हमने थी बस दया दिखाई, तुमने सब कुछ हमें थमाया।
तुमने हमको गले लगाकर, प्रेम का पहला पाठ पढ़ाया।।

प्रेम की नहीं कोई है सीमा।
ना कोई बंधन, ना कोई बीमा।
अपने अंदर हमें समाकर,
आनन्द की तोड़ी सारी सीमा।

जीवन अमृत हमें पिलाकर, युग शिखरों पर हमें चढ़ाया।
तुमने हमको गले लगाकर, प्रेम का पहला पाठ पढ़ाया।।

डॉ. संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमी

जवाहर नवोदय विद्यालय, मुरादाबाद , में प्राचार्य के रूप में कार्यरत। दस पुस्तकें प्रकाशित। rashtrapremi.com, www.rashtrapremi.in मेरी ई-बुक चिंता छोड़ो-सुख से नाता जोड़ो शिक्षक बनें-जग गढ़ें(करियर केन्द्रित मार्गदर्शिका) आधुनिक संदर्भ में(निबन्ध संग्रह) पापा, मैं तुम्हारे पास आऊंगा प्रेरणा से पराजिता तक(कहानी संग्रह) सफ़लता का राज़ समय की एजेंसी दोहा सहस्रावली(1111 दोहे) बता देंगे जमाने को(काव्य संग्रह) मौत से जिजीविषा तक(काव्य संग्रह) समर्पण(काव्य संग्रह)