गीत/नवगीत

दोषारोपण कर ओरों पर

व्यक्ति कभी भी गलत न होता, गलत सदैव कारण होते हैं।
दोषारोपण कर ओरों पर, हम पाक साफ बन कर सोते हैं।।
छल, कपट, षडयंत्र करें नित।
संबन्धों के नाम पर, साधें हित।
स्वारथ की खातिर विश्वासघात कर,
अपने कह कर, करते हम चित।
गला काट कर लूट रहे हैं, फिर भी हम प्रेमी होते हैं।
दोषारोपण कर ओरों पर, हम पाक साफ बन कर सोते हैं।।
मर्यादा रिश्तों की टूटी।
पत्नी बनती हैं अब झूठी।
झूठे केस दहेज के करके,
जाने कितनों को हैं लूटी।
कानूनों से ठगी हैं करती, प्रेमी से संबन्ध होते हैं।
दोषारोपण कर ओरों पर, हम पाक साफ बन कर सोते हैं।।
नर नारी की अस्मत लूटे।
नारी केस करे अब झूठे।
रिश्ते हैं बाजार में बिकते,
दोनों के विश्वास हैं टूटे।
इक दूजे की हत्या करते, प्रेम के नाम खून होते हैं।
दोषारोपण कर ओरों पर, हम पाक साफ बन कर सोते हैं।।

डॉ. संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमी

जवाहर नवोदय विद्यालय, मुरादाबाद , में प्राचार्य के रूप में कार्यरत। दस पुस्तकें प्रकाशित। rashtrapremi.com, www.rashtrapremi.in मेरी ई-बुक चिंता छोड़ो-सुख से नाता जोड़ो शिक्षक बनें-जग गढ़ें(करियर केन्द्रित मार्गदर्शिका) आधुनिक संदर्भ में(निबन्ध संग्रह) पापा, मैं तुम्हारे पास आऊंगा प्रेरणा से पराजिता तक(कहानी संग्रह) सफ़लता का राज़ समय की एजेंसी दोहा सहस्रावली(1111 दोहे) बता देंगे जमाने को(काव्य संग्रह) मौत से जिजीविषा तक(काव्य संग्रह) समर्पण(काव्य संग्रह)