कविता

हम हैं शांति के पुजारी

युद्ध की नहीं ये बुद्ध की है धरती
ये धरती है शांति व बलिदान की
हर युग में हर काल खंड     में
गाथा है लिखी अपन कुर्बान की

हम शांति दूत हैं शांति के पुजारी
नानक गौतम का पावन ये देश
हम वीर पुत्र हैं वीर शिवाजी की
प्रभु राम श्री कृष्ण देते शांति संदेश

हमने रचा है विश्व पटल पर
हर मानव में शांति का प्रयास
सत्य अहिंसा परमो धर्म का
किया है पालन जग में खास

हमने जग को नहीं रूलाया
और ना ही किसी को सताया है
जियो और जीने दो की नीति
जग में हमने फैलाया        है

आओं विश्व में शांति फैलायें
ये जग कुछ पल का मेला है
शांति से जीना शांति से मरना
पूर्वज से संस्कार ये पाया है

नहीं चाहिये धन दौलत हमें
हमें चाहिये जन जन का प्यार
धरती रहेगी हम भी रहेगें
नहीं चाहिये अतिक्रमण का राज

— उदय किशोर साह

उदय किशोर साह

पत्रकार, दैनिक भास्कर जयपुर बाँका मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार मो.-9546115088