गीत/नवगीत

कुशल शिकारी हो तुम प्यारी!

धोखे की हो,  पुतली सुंदर,   प्रेम कपट,  ये याद रहेगा।
कुशल शिकारी हो तुम प्यारी! शिकार बने हम, याद रहेगा।।
कपट का प्रेम, गजब का नाटक।
तोड़ दिया है, दिल का फाटक।
रिश्तों को भी, व्यापार बनाकर,
कानूनी जाल बुन, वसूला हाटक।
लुटने का कोई दुःख नहीं हमको, वार! तुम्हारा याद रहेगा।
कुशल शिकारी हो तुम प्यारी! शिकार बने हम, याद रहेगा।।
नहीं चाहिए, कुछ भी हमको।
धन-दौलत मिल जाए तुमको।
मौत को हँसकर गले लगाए,
प्रेमी तुम्हारा मिल जाए तुमको।
मुफ्त का धन,  हो तुम्हें मुबारक!  यार! तुम्हारा याद रहेगा।
कुशल शिकारी हो तुम प्यारी! शिकार बने हम, याद रहेगा।।
कदम परे ना कभी हटाना।
बिना किए, सारे सुख पाना।
रिश्तों की लाशों पर हँसकर,
प्रेम गान, प्रिये तुम गाना।
झूठ को सच, हो कैसे बनातीं? हार! तुम्हारा याद रहेगा।
कुशल शिकारी हो तुम प्यारी! शिकार बने हम, याद रहेगा।।
जाति बदल, हैसियत बदली।
धोखे से है, कैफियत बदली।
विश्वास का खून यूँ करके,
निशाप्रिये! खैरियत बदली।
नहीं हो केवल, रंग की काली, सार! तुम्हारा याद रहेगा।
कुशल शिकारी हो तुम प्यारी! शिकार बने हम, याद रहेगा।।

डॉ. संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमी

जवाहर नवोदय विद्यालय, मुरादाबाद , में प्राचार्य के रूप में कार्यरत। दस पुस्तकें प्रकाशित। rashtrapremi.com, www.rashtrapremi.in मेरी ई-बुक चिंता छोड़ो-सुख से नाता जोड़ो शिक्षक बनें-जग गढ़ें(करियर केन्द्रित मार्गदर्शिका) आधुनिक संदर्भ में(निबन्ध संग्रह) पापा, मैं तुम्हारे पास आऊंगा प्रेरणा से पराजिता तक(कहानी संग्रह) सफ़लता का राज़ समय की एजेंसी दोहा सहस्रावली(1111 दोहे) बता देंगे जमाने को(काव्य संग्रह) मौत से जिजीविषा तक(काव्य संग्रह) समर्पण(काव्य संग्रह)