/ वात्सल्य /
बेटे की प्रतिभा
हरेक पिता को
लगती है
अपनी प्रतिभा
उस बेटे में पिता
अपने आपको
देखने लगते हैं
कि बेटा अपनी आशाओं का
बहुत बड़ी भरमार है
वह हमेशा चाहते हैं कि
अपनी संतान बढ़िया कदम लें
जीवन में कुछ कर दिखायें
उन्नति के पथ पर अग्रसर होते रहें
जनता के साथ
जनता के बीच में
अपना कुछ जोड़ता रहें
देश की उन्नति में
अपनी चाल दिखाते रहें
यह भी सौ प्रतिशत सच है
कि जितना अधिकार
अपनी संतान पर होता
उतना दूसरों की संतान पर न होता
दिल से दिल का मिलन
प्यार का आवेग
वात्सल्य की मधुमय अनुभूति
शब्दों को पारकर आगे बढ़ती है
जीवन में
हरेक पिता को
अपनी संतान के तेज कदम
दिल पर होते हैं
बच्चे जितना भी बढ़ें
छोटे बच्चे ही लगते हैं।