अक्षय तृतिया
अक्षय तृतिया का पर्व यह
घर घर लाए खुशहाली
स्वास्थ्य रहे सबका उत्तम
जेब न हो कोई खाली ।।
चेहरों पर रौनक हो सबके
हों सबके तन मन खिले हुए
अंगड़ाई ले नयी उमंगे
सत्य के पथ पर गमन रहे ।।
मौसम सदा रहे अनुकूल
समय पे बारिश हो भरपूर
खेत और बाग सब हरे रहे
पेट सभी के भरे रहे ।।
सकारात्मक सोच के बल पर
आगे बढ़ते जाएं हम
नकारात्मकता अब छोड़े
प्रगति को गले लगाएं हम ।।
भेद भाव की खान पटे अब
निर्धन को सम्मान मिले अब
शिक्षा का हो प्रचार प्रसार
सरकारी सेवाओं में आए सुधार।
कानून व्यवस्था का राज रहे
सभ्य हमारा समाज रहे
सबको समय से न्याय मिले
बुजुर्गों को सम्मान मिले ।।
देश और राज्यों में शांति रहे
मन में न कोई भ्रान्ति रहे
सीमाओं पर अमन रहे
मस्त हमारा चमन रहे ।।
— नवल अग्रवाल