कविता

मैं वक्त हूं

मैं वक्त हूं सदा चलता, ही जाता।। बिना थके, बिना रुके चलते रहना, काम मेरा आप चाहे भले, सुस्ता लें मुझे सुस्ताना, नही आता । मैं वक्त हूं सदा चलता, ही जाता।। पीछे मुड़कर, मैं नही देखता आगे ही सदा, बढ़ता रहता धीरे-धीरे , लोगों के ज़ख्मों पर , मरहम लगाता। मैं वक्त हूं सदा […]

कविता

मैं वक्त हूं

मैं वक्त हूं सदा चलता, ही जाता।। बिना थके, बिना रुके चलते रहना, काम मेरा आप चाहे भले, सुस्ता लें मुझे सुस्ताना, नही आता । मैं वक्त हूं सदा चलता, ही जाता।। पीछे मुड़कर, मैं नही देखता आगे ही सदा, बढ़ता रहता धीरे-धीरे , लोगों के ज़ख्मों पर , मरहम लगाता। मैं वक्त हूं सदा […]

कविता

ज़िन्दगी

जीवन में दिक्कतें, रोज ही आती हमारे हौसलों, को आजमाती पल भर को भले, हम हार जाएं हमेशा के लिए हमें, हरा न पाती । अन्ततः ज़िन्दगी, ही मुस्कुराती ।। तूफान, बाढ़ हो, या कोई आंधी थोड़े समय ही, टिक पाती है इन्सान के अदम्य, साहस के आगे अंत में नतमस्तक, हो जाती । अन्ततः […]

गीत/नवगीत

गीत

इतनी सुंदर भोर, का आनंद ले लो पक्षियों की गूंज से, स्वप्न बुन लो सूर्य की लालिमा, को तो निहारो हो गयी सुबह,कुछ सोचो विचारो। स्वप्न की दुनिया में, कब तक ऐसे तू , विचरण करे गा हकीकत से दूर, कब तक ख्वाबों की, माला बुने गा हो गया, जग में उजाला जागो तुम , […]

कविता

मुस्कान

दूजो के चेहरों पर, मुस्कान लाएंगे अपना चेहरा, स्वत: खिला पाएंगे सारा तनाव फिर, दूर हो जाएगा होगा प्रसन्न मन, कष्ट मिट जाएंगे तन से ,मन से, या फिर वचन से कमजोर को गर, ढांढस बंधाएंगे अपना भविष्य भी, संवर जाएगा अच्छे कर्म कभी, व्यर्थ न जाएंगे कल्याण कार्य में, पीछे क्यों रहना जितना हो […]

गीत/नवगीत

एक उम्मीद

आशा है अब ,अन्धकार छटेगा भ्रष्टाचार का, दानव मिटेगा ।। सिर्फ धन्नासेठ ही , नही बढ़ेंगे गरीबों के भी, चेहरे खिलेंगे मध्यम वर्ग को अब, न्याय मिलेगा भ्रष्टाचार का, दानव मिटेगा।। यौन अपराधों में, होगी गिरावट खत्म हो गी,खाद्यान्न में मिलावट सवेरे के सूरज से, अमृत बरसेगा भ्रष्टाचार का, दानव मिटेगा।। न्याय प्रणाली, हमारी ढीली […]

कविता

जे एन यू

पुलिस प्रशासन, आंखें मूंदे छात्रों में नित, द्वंद हो रहा जाति विरोधी, नारे लगते भड़काने का षणयंत्र हो रहा । जे एन यू में, बार बार यह क्या, हो रहा । जे एन यू में, बार बार यह क्या, हो रहा ।। शिक्षा के इस, विश्व पटल पर समाज विरोधी, गतिविधियां होती देश विरोधी नारे […]

कविता

बाल दिवस

दिल करता है, फिर से मैं बच्चा, बन जाऊं ।। सरपट भागूं , दौड़ लगाऊं जल्द किसी के, हाथ न आऊं सबके दिल में, मचा के हलचल नन्हा एक, फरिश्ता कहलाऊं । दिल करता है, फिर से मैं बच्चा, बन जाऊं ।। बच्चों के संग, खेलूं कूदूं जाति धर्म का, भेद भुला दूं मेलों, बाजारों, […]

गीत/नवगीत

विकास यात्रा

सोच विचार कर, नीतियां बनाएं भ्रष्टाचार को शीघ्र, काबू में लाएं इतना हमेशा, अवश्य ध्यान रखें जनता की मुश्किलें, बढ़ने न पाएं यात्रा विकास की, रुकने न पाए । विदेशी कर्जे पर, न रेवड़ियां बांटो आस-पड़ोस से कुछ तो सबक लो आपकी आपस की, प्रतिद्वन्दिता भारत वर्ष को, न भारी पड़ जाए । यात्रा विकास […]

गीत/नवगीत

बेमौसम बरसात

लगता है यह, बारिश का मौसम कुछ अलग ही, गुल खिलाएगा खुशियां मिलेंगी, इसमें संशय है हां मुसीबतें कुछ, जरूर बढ़ाएगा। अक्टूबर के, मध्य में बरसात साथ में बिजली, कड़क रही है घर -घर फैली है बीमारी सचमुच यह आपदा बड़ी है । गरीब किसान और मध्यम वर्ग की आशाओं पर, ग्रहण लगाएगा लगता है […]