गीतिका/ग़ज़ल

दोहा गीतिका

जीवन के पथ पर उगे,लम्बे लम्बे शूल
राहों  की  दुश्वारियां, बढ़ा  रही है धूल
तूफानों  का  जोर  है, आंधी है पुरजोर
 खतरे में सब है यहां,करलो इसे कबूल
मार पड़ी है वक्त की,हावी हुआ विनाश
घर खंडहर होकर गिरा,हिली द्वार की चूल
भूकम्पो की तीव्रता,हिला रही हैं नींव
तीव्र दरारे बन गई,रहना यहां फिज़ूल
आँखों में आंसू थमें,है दहशत हर और
बुरा समय थम सा गया,समय नही अनुकूल
वक्त साथ देता नहीं, पड़ी आपदा घोर
बाढ़ फसल को खा गई,कैसे दे महसूल
कर्जदार भी मिट गये,बचे न साहूकार
दोनों ही जीवित नहीं,जो ऋण करें वसूल
— शालिनी शर्मा

शालिनी शर्मा

पिता का नाम-स्वर्गीय मथुरा प्रसाद दीक्षित माता का नाम -श्रीमती ममता दीक्षित पति का नाम-श्री अनिल कुमार शर्मा वर्तमान स्थायी पता- केऐ-16 कर्पूरी पुरम गाजियाबाद फोन न0- 9871631138 जन्म एंव जन्म स्थान-09.04.1969, परीक्षित गढ़ गाजियाबाद उप्र शिक्षा एवं व्यवसाय-बीएससी बीएड़,अध्यापिका व सहायक NCC आफिसर (13 यूपी गर्ल्स बटालियन) प्रकाशित रचनाएं एवं विवरण-अमर उजाला काव्य में 48 रचनायें प्रकाशित, विभिन्न पत्रिकाओं में रोज रजनाएं प्रकाशित होती हैं,दो तीन सम्मान प्राप्त