रहस्य
चलते जा रहे हैं,
बिना रुके, बिना समय गंवाए
कहां जाना है
जिसे पता है, जरा हमें बताए ।।
क्यों आए थे
धरा पर , कुछ तो उद्देश्य होगा
क्या हासिल कर पाए
जिसे पता है, जरा फर्माए ।।
संग्रह करते जा रहे
धन दौलत, ऐश्वर्य खजाना
कौन साथ ले जा पाया
जिसे पता है, जरा समझाए ।।
सब कुछ हासिल किया
सुकून ही, मन का गवां बैठे
कहां ले जाएगा,मन मयूर
जिसे पता है, मार्ग दर्शाए ।।
चांद पर रखा कदम
दुनिया सारी छान मारी
अपने अंदर छिपा ब्रह्माण्ड
जिसे पता है, प्रकाश फैलाए ।।
— नवल अग्रवाल