कविता

किताबें

 

किताबें क्या हैं
एक रोशनी हैं
जो उजियाला कर देती हैं
आदमी में
किताबें लिखी जाती हैं
संवेदनाओं पर
चित्रण करती हैं
जो दिखता समाज में
किताबों के अक्षर स्याह जरूर हैं
पर भर देते लोगों के जीवन में
एक रोशनाई
और एक रोशन हुआ आदमी
काम करता है लैंप पोस्ट का

*ब्रजेश गुप्ता

मैं भारतीय स्टेट बैंक ,आगरा के प्रशासनिक कार्यालय से प्रबंधक के रूप में 2015 में रिटायर्ड हुआ हूं वर्तमान में पुष्पांजलि गार्डेनिया, सिकंदरा में रिटायर्ड जीवन व्यतीत कर रहा है कुछ माह से मैं अपने विचारों का संकलन कर रहा हूं M- 9917474020