मंजिल
आज हर दर्द औऱ दुख से रिश्ता तोड़ लिया है
अब मैने मुस्कराना सीख लिया है
नहीँ रुला सकता मुझे कोई भी ऐसा दर्द
हर तूफान से लड़ने के लिए खुद को मजबूत कर लिया है
मंजिल को कैसे पाना है मैने अब यह सीख लिया है
लोगों की बातें भी सुनना जरूरी है आगे बढ़ने के लिये
अब उनकी बातों को सुनना छोड़ दिया है
अब कोई भी हवा का रुख दिशा नहीँ बदल सकता
अब मैने खुद ही रास्ता बनाना सीख लिया है
— पूनम गुप्ता