कविता – नारी
कुछ उम्मीदों को लेकर नारी आती,पीहर से विदा होकर जब सुसराल आती,सबको खुश रखना यह बात बतायी जाती,सबको सम्मान देना,यह
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Read Moreलेखक का मन बहुत कोमल होता हैउसको समझना थोड़ा मुश्किल होता हैसच को वो सबके सामने लाता हैसही गलत को
Read Moreजीवन के दिन चार हँसी खुशी से गुजारते हैकिसी के दुख को हम थोड़ा कम करते हैखाली हाथ जग में
Read Moreजब पीछे वक्त हमारा छूट जाता है जीवन की स्मृतियां याद आने लगती है जीवन की स्मृतियां उभर कर आ
Read Moreमेरी लेखनी मेरा अभिमान, मैं करती इसका बहुत सम्मान, मन के भावों को लेखनी लिखती, सही गलत मतलब समझती, लेखनी
Read Moreजीवन के मोड़ पर कैसे चला जाएं, यह कभी कभी समझ न आएं, किस कर्म को हम करें यश हम
Read Moreरानी सुंदर होने के साथ साथ पढाई में भी बहुत होशियार थी वो प्रोफेसर बनना चाहती थी। लेकिन उसके मम्मी
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