गीतिका/ग़ज़ल

गीतिका

कभी जिन्दगी शोला है और कभी जिन्दगी है शबनम
कभी जिन्दगी में खुशिया़ं है़ंं और कभी जीवन में गम
कभी धूप हैं कभी छांव है फूल भी हैं और कांटे भी
कभी जिन्दगी में उजियारा और कभी है गहरा तम
कहीं बाग में पंछी चहके और कहीं पिजंरे में हैं
कहीं पे सूखी धरती व्याकुल और कहीं बारिश रिमझिम
कहीं पे धन की वर्षा होती नहीं कहीं निर्धन पर धन
कहीं प्रेम और अपनापन है और बरसते कहीं पे बम
कहीं पे लूट खसोट मची,कोई कहीं लुटाता अपना सब
कोई ऐश महलो में लेता रोड़़ पे निकले किसी का दम
सबका जीवन अलग यहां पर, सबके सुख और दर्द अलग
सभी भाग्य में जितना है उतना पाते न  ज्यादा ,कम
— शालिनी शर्मा

शालिनी शर्मा

पिता का नाम-स्वर्गीय मथुरा प्रसाद दीक्षित माता का नाम -श्रीमती ममता दीक्षित पति का नाम-श्री अनिल कुमार शर्मा वर्तमान स्थायी पता- केऐ-16 कर्पूरी पुरम गाजियाबाद फोन न0- 9871631138 जन्म एंव जन्म स्थान-09.04.1969, परीक्षित गढ़ गाजियाबाद उप्र शिक्षा एवं व्यवसाय-बीएससी बीएड़,अध्यापिका व सहायक NCC आफिसर (13 यूपी गर्ल्स बटालियन) प्रकाशित रचनाएं एवं विवरण-अमर उजाला काव्य में 48 रचनायें प्रकाशित, विभिन्न पत्रिकाओं में रोज रजनाएं प्रकाशित होती हैं,दो तीन सम्मान प्राप्त