सदानंद पॉल को मिला ‘विद्यावाचस्पति’ सम्मान
■ सदानंद पॉल को मिला ‘विद्यावाचस्पति’ सम्मान
मनिहारी अनुमंडल के नवाबगंज निवासी साहित्यकार सदानंद पॉल को विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, गाँधीनगर, भागलपुर ने उनके सुदीर्घ हिंदी सेवा, सारस्वत साधना, कला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ, शैक्षिक प्रदेयों, महनीय शोधकार्य तथा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा के आधार पर ‘विद्यावाचस्पति’ सारस्वत सम्मान प्रदान किया है। ज्ञात हो, यह सम्मानोपाधि पीएचडी के समकक्ष है। यह सम्मान उन्हें विद्यापीठ के प्रमाण पत्र सं. 37, दिनांक 23 अप्रैल 2022 के विहित प्राप्त हुआ।
डॉ. सदानंद पॉल अब किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। वे स्थानीय बालिका इंटरस्तरीय विद्यालय में हिंदी प्राध्यापक सहित मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं। उन्होंने आरटीआई के द्वारा हजारों लोगों की मदद किये हैं और अखबारों में अनगिनत पत्र जनहित में लिखकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर बने हैं। वे लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर हैं, नेशनल अवॉर्डी हैं, संस्कृति मंत्रालय के फ़ेलो हैं। कई पुस्तकों के रचयिता हैं, तो स्वदेशी गणित पहेलियों के अन्वेषक भी। शिक्षाविद और सोशल एक्टिविस्ट भी।
इसके साथ ही इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, स्टार वर्ल्ड रिकॉर्ड्स सहित ग्रेट ब्रिटेन के ‘रिकॉर्ड्स होल्डर्स रिपब्लिक’ में उनके रिकॉर्ड्स दर्ज हैं। साहित्यकार के तौर पर उनकी कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है, उन्हें कविता के क्षेत्र में राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं, तो बिहार राष्ट्रभाषा परिषद ने भी उन्हें पुरस्कृत किया है। अखिल भारतीय विज्ञान सम्मेलन में भी वे बिहार का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। ‘विद्यावाचस्पति’ का सम्मान मिलने पर मनिहारी क्षेत्र के बुद्धिजीवियों ने बधाई और भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दिए हैं।