जय-जय लोकमाता अहिल्याबाई
कोटि – कोटि नमन है लोकमाता
न्याय की देवी तुम अहिल्या माता ।
तुम अनन्य शिवभक्त जन-जन से
था सादगी भरा ममतामय नाता ॥
31 मई 1725 को चौंडी जिला
अहमदनगर जन्मी अहिल्या माता ।
खंडेराव होल्कर की बनी पत्नी
पति की मृत्यु के बाद राज संभाला।
पुत्र मालोजीराव की अजब गाथा
माता के आदेश पर टेक दिया माथा ।
इंदौर में आज भी है आड़ा बाजार
जहाँ माता ने मालोजीराव था बांधा ।
गरीबों, असहायों की तुम अन्नदाता
विधवा स्त्रियों की अधिकार दाता ।
रणक्षेत्र में भी दिखाया था पराक्रम
शत्रु भी कहें उठे जय हो लोकमाता ॥
नर्मदा तट पर मंदिर बनवाएं माता
जल का महत्व बताया तुमने माता ।
शिक्षा के लिए खोलें तुमने विद्यालय
अपने राज को किया जग विख्याता ॥
रथ तले कुचलने की दी बेटे को सजा
ऐसी ओर कहाँ मिलेगी न्यायशासिका ।
थी वह अंधेरे में प्रकाश किरण समान
करती हर जन की मदद बन सेविका ॥
प्रजा के लिए तुम थी भाग्य विधाता
राज्य में सुख-शांति की तुम थी दाता ।
13 अगस्त 1795 को हम सबसे
जुदा हो गई देवी अहिल्या माता ॥
कोटि-कोटि नमन स्वीकारो लोकमाता
श्रद्धा से झुकाते है चरणों में हम माथा।
चलें हम सब जन तुम्हारे पदचिन्हों पर
दो ऐसा आशीष हमें अहिल्या माता ॥
— गोपाल कौशल “भोजवाल”