भाजपा के हार्दिक
गुजरात विधानसभा चुनाव भाजपा के लिये हमेशा खास रहा हैं, गुजरात मॉडल के दम पर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के ताकतवर प्रधानमन्त्री बन गये हैं।
फिर अचानक गुजरात में पाटीदार आंदोलन की चिंगारी उठ गई। पुरा गुजरात पाटीदार आंदोलन में जल रहा था, आंदोलन नेतृत्व में युवा हार्दिक पटेल अखबार के पहले पेज पर छप गये। हार्दिक के फायर तेवर जो देश के राजनीति में विशिष्ट स्थान बन गया। कई दिग्गज विपक्ष नेता हार्दिक से मुलाकत करके मोदी को गुजरात सहित पुरे देश में घेरने की कोशिश की। अब हार्दिक पटेल मोदी और भाजपा के प्रखर आलोचक बन गये थे, सार्वजनिक मंच और अपने सोशल मीडिया से काफी आपत्तिजनक और अशोभनीय टिप्पड़ी किया। कांग्रेस ने हार्दिक को पार्टी में शामिल करके गुजरात का नेतृत्व भी सौप दिया।
पिछ्ले गुजरात चुनाव से पहले पाटीदार नेता हार्दिक पटेल की सेक्स वीडियो वायरल हो गई। देश में हार्दिक पटेल का कद एकाएक इतना बढ़ गया कि पटेल की कद कम करने के लिये भाजपा आईटी सेल को मैदान में उतरना पड़ गया। हार्दिक पटेल को मीडिया हाथोंहाथ ले लिया. अब हार्दिक पटेल किसानों,युवाओ और मुस्लिमों के स्वघोषित मसीहा बन गये। देश में यात्रा करके भाजपा के खिलाफ माहौल बनाना शुरु कर दिया, गुजरात की तिकड़ी में हार्दिक,जिग्नेश और अल्पेश जैसे युवाओं नेता की ताकत भाजपा की जमीन खिसका दिया। जिसका नतीजा गुजरात विधानसभा में भाजपा बड़ी मुश्किल से सत्ता में वापसी किया।
सब वक्त की बात कांग्रेस नेतृत्व से नाराज व कांग्रेस का कोई राजनितिक भविष्य ना देखकर भाजपा में जाने का निश्चय किया। राजनिति में भाषा और गाली-गलौज जैसे प्रतिकार को कोई महत्व नही रह गया हैं, बस राजनीति और समीकरण चलता रहे। यही लोकतंत्र की असली खूबसूरती हैं।
— अभिषेक राज शर्मा