ग़ज़ल
रब ने हमें पैदा किया सुन्दर हमें जीवन दिया
हम तो करेंगे शुक्रिया हर पल हमें सावन दिया
यह बात ही कुछ है अलग मानव रहे रोता यहाँ
बातें करे प्यारी सदा सिर ओखली में दे दिया
कर प्यार ही वो तो भटकता फिर रहा सोचे यही
क्यों जानते बूझे बिना देखो ज़हर मुझको दिया
संसार में ग़म की कमी होती नहीं क्यों यह बता
सपने सभी तोड़े यहाँ मासूम को मरवा दिया
चलते गये तुम साथ मेरे तोड़ के दिल चल दिये
भरते रहे हम तो ज़ख़्म नासूर तूने कर दिया