गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 15/01/202515/01/2025 0 Comments ग़ज़ल वो हमें देने तभी ताने लगे।खूब हम पर ही सितम ढाने लगे। सोच हमको ही बना अपना लिया।फिर हमें ही Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 02/01/202502/01/2025 0 Comments ग़ज़ल प्यार उसका सुनो बदगुमां हो गया।क़द उसी का अभी तो बड़ा हो गया।। हुस्न देखा उड़ा आज चिलमन तभी।मैं वहीं Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 01/01/202501/01/2025 ग़ज़ल सुनो घर बसा कर ढहा ना सकोगे।कभी बेवफ़ा दिल बना ना सकोगे।। बढ़ाये क़दम लौट आना पड़ेगा।क़दम देख पीछे हटा Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 22/12/202430/12/2024 ग़ज़ल अब न कहना मुझे प्यार है।दिल सुने आज तैयार है।। बेवफ़ाई न करना कभी।देख वरना बँटाढार है।। दुश्मनी साध पीछे Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 19/12/202419/12/2024 ग़ज़ल ग़म में ही सुन पलती रही ज़िंदगी।कुछ हमें न देखो दे सकी ज़िंदगी ।। लूटें लोग बढ़ ही खुद इस Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 21/11/202421/11/2024 ग़ज़ल ज़िंदगी बन न अब ज़हर जाए।ये प्रदूषण कहीं न बढ़ जाए।। कर मुहब्बत यहाँ सँभल कर ही।उम्र अभी से सुनो Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 21/11/202421/11/2024 ग़ज़ल आज मौसम ने सुनो ढाया क़हर है।देख चलने ही लगी अब शीत लहर है।। किटकिटाने दाँत देखो हैं अभी यक।नींद Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 17/11/202417/11/2024 ग़ज़ल इश्क़ में ख़ुद को मिटाने के लिए काफी हूँमैं अकेला ही ज़माने के लिए काफी हूँ इश्क़ तो है सेज Read More
कविता *रवि रश्मि 'अनुभूति' 31/10/202431/10/2024 दीपावली दीप धरो कई आज द्वारे, करना उजियार।भूलें न राहें पथिक प्यारे, करो यह विचार।।दीपक का उजियारा सारा, मिटाये विकार।धर्म से Read More
कुण्डली/छंद *रवि रश्मि 'अनुभूति' 24/10/202424/10/2024 प्रदीप छंद दीप राह दिखाता दीप सदा ही, रखना द्वारे पार ही।भूल न जाये सुनो बटोही, अभी किसी का द्वार ही।।आशा के Read More