गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 15/09/202415/09/2024 0 Comments ग़ज़ल सबको ही भाती है हिंदी।भारत की थाती है हिन्दी।। रस घोलती सदैव प्यार का।मिठास ही लाती है हिंदी।। सभी को Read More
मुक्तक/दोहा *रवि रश्मि 'अनुभूति' 15/08/202415/08/2024 तिरंगा – 5 दोहा छंद लिए तिरंगा ही बढ़ें, फहराना है आज।कभी नहीं होगा यहाँ, विदेशियों का राज।। शान तिरंगा देश की, सदा बढ़ाता मान।नमन Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 13/08/202413/08/2024 ग़ज़ल ज्यों छुआ फूल को मन सुवासित कियाअब किसी चीज़ को भी न दौलत किया सोच हमने लिया आप आयें यहाँदेख Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 02/08/202428/07/2024 ग़ज़ल बड़े ही प्यार से तूने, दिया पैगाम था मुझको।नहीं था बेवफ़ा मैं तो, किया बदनाम था मुझको।। बुलाया था इशारे Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 17/07/202417/07/2024 ग़ज़ल अब सुबह उठते ही मंदिर मैं चली आऊँगीदेख उनके लिए प्रसाद मैं ले आऊँगी।। जो गरीबी में पले बढ़े दिखते Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 29/06/202429/06/2024 ग़ज़ल सजी दिल की महफ़िलें ही, चले ही आइये हमदम।ग़ज़ल कुछ गीत हमको भी, खुल कर सुनाइये हमदम।। अदा ये रूठने Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 16/06/202416/06/2024 ग़ज़ल आज तुमको तो यहाँ कुछ , अब दिखाना क्यूँ यहाँ हैसाथ इसके देख अब तो, ये जताना क्यूँ यहाँ है Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 01/06/202401/06/2024 ग़ज़ल प्यार का रिश्ता सुनो तो, हम निभाना जानते हैंहम बसे हैं दिल तुम्हारे, ये बताना जाते हैं जिस गली में Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 24/05/202424/05/2024 ग़ज़ल मुझे निराश कर गये हो खुश रहोमुझे उदास कर गये हो खुश रहो खुशी हुई कि तुम दिखे यहाँ अभीहुये Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 02/05/202402/05/2024 ग़ज़ल सून यही तस्वीर ही सबको दिखा रक्खी हैपर मुहब्बत ही ज़माने से छुपा रक्खी है मयक़दा – सा हुस्न तेरा Read More