हकीकत
बैर बबुल आँगन जो लगाया
उनके ही पाँव में काँटा चुभ पाया
फूल बिलपत्र का चमन लगाओ
मन्द मन्द घर आँगन महकाओ
चलो सुख शांती की वृक्ष लगायें
बाल गोपाल संग सुखी मनायें
सम्य समाज का गुण अपनाओ
नीज सम्मान जगत में पाओ
मात पिता की सेवा है करना
झोली खुशियाली से है भरना
साधु संत का गुण अपनाओ
धरती पर स्वर्ग पा जाओ
बादल बन क्रर गगन पे छाना
जन कल्याण में अर्थ लगाना
जो जग में करता मानव भलाई
प्रभु ने दी है उन्हें मख्कन मलाई
राम कृपा से सफल सब काजा
दीन भी बन जाता है राजा
विद्वजनों से उपदेश है पाना
असुर पापी के गाँव मत जाना
क्रोध को वश जिसने कर पाया
मुसीबत उनके पास कभी ना आया
दुर्जन से नाता ना रिश्ता करना
वर्ना विपत्ती को घर है बुलाना
गुरूजन को शीश झुकाना
ज्ञान विज्ञान उनसे है पाना
— उदय किशोर साह