कविता

रक्तदान दिवस पर देवदूत बन जाइए

किसी मरीज़ को रक्त दान कर
किसी के लिए जीवनदान देकर देवदूत बन जाइए
मुस्कान किसी के लबों पर लाईए।।
देवदूत बन जाइए।।२।।
अस्पतालों में बहुत से बेबस बेचारे
रक्त कि बूंद के लिए तरसते प्यारे
एक यूनिट से बचे ये न्यारे
आईए इनमें आशा की किरण जगाइए।।
देवदूत बन जाइए।।२।।
समस्त भारत देश में सहयोग करवाईये
हर राज्य के लोगों को अपना बतलाईये
अपने पन से ही सम्मान दे सहयोग करजाईये।।
देवदूत बन जाइए।।२।।
आशा की किरणों अटेंडरों में भर जाईये
उनके परिवार के सदस्य को बचा खुशी दिलाईये
फूटेगा खुद के भीतर भी खुशी का ज्वार तब
जब दुआओं से सबकी अपनी झोली भरी सी पाईये।।
देवदूत बन जाइए।।२।।
— वीना आडवाणी तन्वी

वीना आडवाणी तन्वी

गृहिणी साझा पुस्तक..Parents our life Memory लाकडाऊन के सकारात्मक प्रभाव दर्द-ए शायरा अवार्ड महफिल के सितारे त्रिवेणी काव्य शायरा अवार्ड प्रादेशिक समाचार पत्र 2020 का व्दितीय अवार्ड सर्वश्रेष्ठ रचनाकार अवार्ड भारतीय अखिल साहित्यिक हिन्दी संस्था मे हो रही प्रतियोगिता मे लगातार सात बार प्रथम स्थान प्राप्त।। आदि कई उपलबधियों से सम्मानित