गीत/नवगीत

मैं कलाकार हूँ

अजब सी इस दुनिया का गज़ब का कलाकार हूँ।
हुनरमंद हूँ जो चाहूँ कर सकता ऐसा चमत्कार हू़ँ।
नित पहनता हूँ मुखौटा, मैं लूटता हूँ समाज को।
सब बनें अनजान अब तक कौन जाने राज़ को।
झूठ निंदा छल कपट का करता सदा व्यापार हूँ।
अजब सी इस दुनिया का गज़ब का कलाकार हूँ।
फौलाद बन के तोड़ता हूँ मजदूर बन चट्टान को।
खेतों में फसल की चिंता है सताती किसान को।
मिटाता हूँ भूख देता हूँ अन्न मैं ऐसा कर्म कार हूँ।
अजब सी इस दुनिया का गज़ब का कलाकार हूँ।
मैं प्यार करता हूँ सभी से मैं खोजता भगवान हूँ।
लैला मजनू प्यार की यहाँ मैं रहा एक दास्तान हूँ।
इश्क को हूँ जीतता यहाँ पर मैं बेबफा की हार हूँ।
अजब सी इस दुनिया का गजब का कलाकार हूँ।
विकसित किये हैं उद्योग मैंने देश का उत्थान हो।
अपने लहू से सींचता रहा कि देश मेरा महान हो।
सूखा तन टूटी है झोपड़ी मैं कला का फ़नकार हूँ।
अजब सी इस दुनिया का गजब का कलाकार हूँ।
— शिव सन्याल

शिव सन्याल

नाम :- शिव सन्याल (शिव राज सन्याल) जन्म तिथि:- 2/4/1956 माता का नाम :-श्रीमती वीरो देवी पिता का नाम:- श्री राम पाल सन्याल स्थान:- राम निवास मकड़ाहन डा.मकड़ाहन तह.ज्वाली जिला कांगड़ा (हि.प्र) 176023 शिक्षा:- इंजीनियरिंग में डिप्लोमा लोक निर्माण विभाग में सेवाएं दे कर सहायक अभियन्ता के पद से रिटायर्ड। प्रस्तुति:- दो काव्य संग्रह प्रकाशित 1) मन तरंग 2)बोल राम राम रे . 3)बज़्म-ए-हिन्द सांझा काव्य संग्रह संपादक आदरणीय निर्मेश त्यागी जी प्रकाशक वर्तमान अंकुर बी-92 सेक्टर-6-नोएडा।हिन्दी और पहाड़ी में अनेक पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। Email:. [email protected] M.no. 9418063995