कविता

क्रान्तिपथ

अग्निपथ पर दौड़ेगा वो नौजवान
जो है भारत माता की सच्ची संतान
भ्रम फैला रहा है देश में कोई अनजान
जिसे नहीं है नीति की सच्ची ज्ञान
क्यूं बन रहा है वो मानव हैवान
क्यां देश से नहीं है उसका कोई नाम
दिग्भ्रमित कर रहा है वो नादान
जो है देश हित से  बिल्कुल अज्ञान
जिसे नहीं है देश हित से कोई काम
कर रहा है राष्ट्रीय धरोहर का नुकसान
कैसे है वो शख्स देश में आज महान
राजनीति में बाँट रहा है झूठा एक ज्ञान
खुद है जो सुरक्षा नीति से अज्ञान
खुद है वो खुद से आज भी अनजान
कर लिया है अपना दुर्जन में एक नाम
देश को जरूरत है सच्चा वो जवान
जो हो देश के नाम पर हँस हॅस कुरवान
खुला है अवसर कर लो इसे अपना नाम
क्रान्तिवीर बन जा रे देश के वीर जवान
बढ़ाना है गर देश का सम्मान
अग्निपथ पर चल कर बढ़ देश महान
कब तक बैठा रहेगा बन कर नाकाम
कुछ तो कर राष्ट्रहित में कोई भी काम
देश माँग रहा है तुमसे वो सम्मान
जिस पर हो भारत को हर पल गुमान
शांति की बॉटों तुम वो हर पैगाम
बन कर क्रांतिवीर का तुम ले नाम

— उदय किशोर साह

उदय किशोर साह

पत्रकार, दैनिक भास्कर जयपुर बाँका मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार मो.-9546115088