नेक बनो
हिंद देश के वासी हो तुम,
बलिदानी कहलाते हो।
झूठे झगड़े में क्यों पड़के,
देश अपना गॅंवाते हो।
एक बनो तुम नेक बनो तुम,
सत्य राह पर चलना है।
खून खराबा करके हरदम,
अपनो को रूलाते हो।
माटी है यह वीर सुतो की,
सकल जगल अभिमानी है।
जन्म लिए श्री राम यहाँ पर,
पावन पर्व मनाते हो|।
यमुना गंगा बहती धारा,
सिचती जाती जगती क।
श्याम सुनाते मोहक मुरली,
मनको खूब हर्षाते हो ।
रंग रंगीले मौसम यहाँ,
होली ईद की रौनकें हैं।
भाईचारा को अपनाकर,
मानव धर्म निभाते हो।
— सुनीता सिंह सरोवर