योग की भक्ति में अद्भुत शक्ति है
योग से शरीर में कान्ति बढ़ती है और मन में शांति बढ़ती है। योग तन-मन में स्फुर्ति बना कर एक नई ऊर्जा का नवसंचार तो करता ही है बल्कि आत्मा का विकास भी करता है। योग का अर्थ ही जोड़ना है।जो मानव के जीवन को सकारात्मक उर्जा से जोड़ने का काम करता हो; आत्मा से, परमात्मा से, आदर्श से, जीवन के विकास से, शरीर और मन से, जीवन के अनुशासन से, मानव धर्म से ,एक इंसान से इंसान को जोड़ने का काम करता हो वही तो योग है। चाहे वह कर्म योग हो या धर्म और मर्म का योग -आसन हो। योग के मर्म का यही धर्म है कि वह मनुष्य के मानसिक ,शारीरिक रोगों को मिटाकर निरोग बनाएं। क्योंकि मनुष्य के जीवन का प्रथम सुख निरोगी काया है ।इसके बाद ही सारी माया है। महत्व है।योग, रोग और भोग से सदा दूर रखने का महत्वपूर्ण कार्य करता है। योग भक्ति की अद्भुत शक्ति है। चाहे विज्ञान की दृष्टि से देखे या आध्यात्मिक दृष्टि से देखें। योग मनुष्य के व्यक्तित्व विकास में महत्वपूर्ण ही नहीं बल्कि जीवनाधार है। योग मनुष्य को एकाग्रचित्त करता है। अनुशासन सिखाता है। जो इंसान स्व- अनुशासन रखता है। वह शत-प्रतिशत अपने लक्ष्य को पाने में सरलता हासिल कर लेता है। ऐसा इंसान अपने जीवन का उद्धार तो करता ही है वह औरों का उपकार करने में भी सक्षम होता है। योग- ध्यान और समाधि की ओर ले जाने की महत्वपूर्ण कड़ी का कार्य तो करता ही है; विवेकपूर्ण ज्ञान का रास्ता दिखाने का उत्तम कार्य भी करता है। प्रत्येक मनुष्य के जीवन में संतुलन होना अति आवश्यक है। जीवन में संतुलन हर क्षेत्र में होना चाहिए। वही कार्य योग करता है। सबको जोड़ना। यह योग की बहुत बड़ी खूबी है।
योग और अभ्यास से मिलकर योगाभ्यास बना है। योगाभ्यास को अपने जीवन का हिस्सा तो बनाए किंतु इसके नियम ,कायदे और तौर तरीके के ज्ञान भी अति आवश्यक है। योग, जीवन शक्ति की प्राणवायु के समान है।
2014 में संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा के 69 वें सत्र में भाषण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। इसके 3 माह बाद अर्थात् 11 दिसंबर 2014 को इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया व 21 जून 2015 को प्रथम ‘अंतरराष्ट्रीय विश्व योग दिवस’ के रूप में मनाया गया।इस वर्ष आठवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस वर्ष 2022 की अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम-“मानवता के लिए योग” है। 21 जून वर्ष का सबसे बड़ा दिन एवं सूर्य की किरणें पृथ्वी पर ज्यादा देर तक रहती है। मानव के जीवन पर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। प्रकृति में सूर्य का महत्वपूर्ण स्थान एवं योगदान है। सूर्य की रोशनी जगत प्रत्येक जीव के लिए जीवन की रोशनी है। कोविड जैसी विश्व महामारी में विश्व का प्रत्येक व्यक्ति अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाएं और शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए योग – प्राणायाम से अपने शरीर के कवच को मजबूत बनाएं और तन मन से निरोग रहे। यही सबसे बड़ा धन एवं खुशी है। पूरी दुनिया में योग दिवस को महापर्व की तरह मनाया जाए तो प्रत्येक इंसान के स्वस्थ जीवन की क्रांति का सूत्रपात होगा।
— डॉ. कान्ति लाल यादव