बंधुत्व
हम बंधुत्व की बात करते हैं,
पहले विचार क्यों नहीं करते?
क्या बंधुत्व बंधुत्व चिल्लाने से
बंधुत्व का भाव आ जायेगा
या पहले हमें अपने आप में
बंधुत्व भाव जगाना चाहिए।
जब हम बंधुत्व का भाव नहीं रखते
फिर आम जनमानस से
ऐसी अपेक्षा ही क्यों रखते हैं?
ढकोसले बाजी छोड़िए
बंधुत्व भाव फैलाने का
ईमानदारी से प्रयास कीजिए,
बेवजह दिखावे के लिए
बंधुत्व का झुनझुना न बजाइए।
अच्छा होगा सबसे पहले खुद में
बंधुत्व भाव जागृति कीजिए
फिर बंधुत्व भाव के
बड़े झंडाबरदार बनिए।