क्षणिका क्षणिकाएं *ब्रजेश गुप्ता 02/07/202209/07/2022 मैं समुंदर हूं मैं लोटूंगा मेरी यह फितरत है मैं जाकर थमता नहीं फिर लोटता हूं पूरी शिद्दत के साथ