ए जिंदगी
ए जिंदगी तू कैसे कैसे रंग दिखाती है,
कभी खट्टी तो कभी मीठी बन जाती है,
कभी धूप तो कभी छांव बन जाती है,
कभी धूप तो कभी सुख बन जाती है,
जिंदगी तेरे कितने रूप हैं,
हर रूप में एक नया रंग है,
रंगों से सजी जिंदगी कितनी खूबसूरत है,
हर दिन बादलों का डेरा,
सूरज दिखाता है एक नया रंग,
हर दिन नई किताब को पढ़ना,
हर एक दिन नई कहानी लिखती है जिंदगी,
आओ जिंदगी की बातें करें,
हर पल खुशी से जिए,
ए जिंदगी कैसे कैसे रंग दिखाती है,
कभी खट्टी मीठी बन जाती है।।
— गरिमा लखनवी