प्रदर्शनी
प्रदर्शनी में रखी बच्चे की एक-एक अंतड़ी दर्शाती उस पेंटिंग में, पेंटर ने गरीबी का भयावह रूप दिखा दिया था!
“कमाल की पेंटर हो आप! आपकी इस पेंटिंग ने सबको झकझोर कर रख दिया है।” पेंटिंग की तारीफ़ करते हुए पत्रकार बोला।
“भावुक इंसान हूं। गरीबों का दुख जब हृदय को गमगीन कर देता है, उसे कूची से कैनवास पर उकेर देती हूं।” पेंटर नज़ाकत से बोली।
“तो, उनकी गरीबी दूर करने के लिए कुछ पैसों की झंकार भी करती हैं या यह सिर्फ प्रदर्शन ही?”, उत्सुकता से पत्रकार ने पूछा ।
और…. प्रश्न निरुत्तर ही रहा।
अंजु गुप्ता