गज़ल
नज़ाकत आप क्या जानें, नफासत आप क्या जानें
किसी मासूम चेहरे की शरारत आप क्या जानें
==============================
जज़्बे हैं ये इंसानी, फरिश्तों में नहीं मिलते
अदावत आप क्या जानें, रफाकत आप क्या जानें
==============================
दुनिया को झुकाया है आपने ज़ोर-ए-बाज़ू से
दिलों पे कैसे होती है हुकूमत आप क्या जानें
==============================
सारी ज़िंदगी बीती माल-ओ-मिलकत कमाने में
क्या चीज़ होती है मुहब्बत आप क्या जानें
==============================
दुआएँ हमने तो दी हैं अपने कातिलों को भी
हम जैसे फकीरों की फितरत आप क्या जानें
==============================
आभार सहित :- भरत मल्होत्रा।