रक्त की एक-एक बूंद बेशकिमती होती
आज चलिए बात करते हैं , एक-एक रक्त की बूंद के लिए जो कि किसी जरूरतमंद के लिए बहुत ही बेशकीमती होती है , जी हां आज इस विषय पर जज्बातों ने मुझे आकर गिरा वह जज्बात रक्तदान से संबंधित है , आज हमारे भारत देश में लाखों लोग विभिन्न प्रकार की गंभीर बीमारियों से जूंझ रहे हैं , इन गंभीर बीमारियों के चलते बहुत से लोगों की जान खतरे में आ जाती है , या तो बीमारियों के चलते इनके शरीर के खून में धीरे धीरे वायरस अपना घर बनाते जाते हैं जिसके कारण इनके शरीर में पनप रहा हूं जहरीला होता जाता है और वह एक विकराल बीमारी को जन्म देने लगता है , यह गंभीर बीमारियां जैसे कैंसर , लिवर में इन्फेक्शन, हार्ट बायपास सर्जरी या बहुत से केस में एक्सीडेंट का केस भी सम्मिलित रहता है जिसके अंतर्गत कभी-कभी तत्काल में ब्लड की जरूरत होती है तो कुछ केस में एक या दो दिन का समय मिल ही जाता है बंदोबस्त करने के लिए , कभी-कभी किसी मरीज को रक्त के लिए किसी ऐसे व्यक्ति की जरूरत होती है जो उसी समय आ कर अपने शरीर का रक्त मरीज के शरीर को देखकर उसकी जान बचा सके , तो कभी-कभी रक्त दान दाता को रक्त देने के लिए स्वयं के रक्त की पहले जांच करवानी पड़ती है , रक्तदान करने वाले को रक्तदान करने के लिए खुद के शरीर का स्वस्थ पन देखना जरूरी है , रक्तदान करने से पहले वैसे भी अस्पताल के द्वारा पहले रक्त दान दाता की जांच की जाती है ताकि उसे किसी प्रकार की कोई तकलीफ ना हो ऐसा ना हो किस गलती से किसी बीमार व्यक्ति का ब्लड किसी मरीज को देखकर उसे और ज्यादा गंभीर बीमारियों से ग्रसित कर दिया जाए इसलिए हर तरह की सावधानी को ध्यान में रखते हुए रक्त दान दाता के रक्त की जांच होने के बाद ही पूर्णता संतुष्ट होने पर मरीज को चढ़ाया जाता है । रक्तदान करने वाले को रक्तदान करने से स्वयं का ही एक लाभ होता है रक्तदान करने से पहले जो जांचे की जाती है जैसे की बीपी का चेक अप , शुगर की जांच , वजन आदि का फ्री में चेकअप हो जाता है , साथ ही रक्त दान के बाद विटामिन से भरे खाद्य पदार्थ भी दिये जाते हैं । हम जब कभी किसी मरीज के अटेंडर को फोन करते हैं तो हम मरीज की समस्त जानकारी उपलब्ध करते हैं।
साथ ही हम सर मरीज के परिवार वालों को अपने परिवार से रक्तदान करने के लिए मार्गदर्शन कर प्रेरित करते हैं यदि परिवार वालों का कोई भी परिचित उस शहर में नहीं है तो हम सभी ब्लड कोऑर्डिनेटर सहयोग के लिए तत्पर आ जाते हैं परंतु यदि मरीज जहां भर्ती है और उसी शहर का रहने वाला है , तो सर्वप्रथम हम उन्हें अपने ही दम पर कोशिश करने के लिए प्रेरित करते हैं कई बार बहुत से अटेंडर हमसे यह कहते हैं कि कोई भी हमारा सहयोग नहीं कर रहा है हम उन्हें मार्गदर्शन देकर यही कहते हैं कि जिस प्रकार हमारे घर के तीज त्योहारों पर या शादी ब्याह पर हम हजारों की भीड़ को इकट्ठा कर लेते हैं ठीक उसी तरह हमें मुसीबत के वक्त भी अपने ही लोगों को बुलाना चाहिए यदि कोई वाकई में बहुत ही परेशानी में रहता है तो सहयोग के लिए सदैव दानदाता आगे आते हैं और यही हमारा उद्देश्य है कि अधिक से अधिक मानव सेवा देते हुए किसी मरीज की मदद की जाए किसी की जान बचाई जा सके शेष तो भगवान के हाथ में है रक्तदान दाता उसी भगवान के भेजे हुए देवदूत है जो देवदूत के रूप में काम करते हुए भगवान के दिए हुए आज्ञा का पालन करते हैं । रक्तदान महादान है हमारे रक्त की एक एक बूंद से नन्हे फरिश्ते जो थैलेसीमिया बीमारी से ग्रसित है हमारे ही आश्रित रहते हैं क्योंकि जब तक उन्हें हम सभी मिलकर रक्तदान नहीं करेंगे तो उनका बचना संभव नहीं है हम सभी को इंसानियत के नाते ही सही रक्तदान के लिए सभी को प्रेरित करना चाहिए और स्वयं भी आगे बढ़कर रक्तदान यदा-कदा समय पर करना चाहिए ।
— वीना आडवाणी तन्वी