रहने दो
हरी-भरी इस दुनिया को
हरा-भरा ही रहने दो
निर्मल है दरिया का जल
इसे निर्मल ही रहने दो
अवनि से अंबर तक
पारदर्शिता को रहने दो,
अगर चाहते हो कि
स्वस्थ-सुखी-समृद्ध रहो.
हरी-भरी इस दुनिया को
हरा-भरा ही रहने दो
निर्मल है दरिया का जल
इसे निर्मल ही रहने दो
अवनि से अंबर तक
पारदर्शिता को रहने दो,
अगर चाहते हो कि
स्वस्थ-सुखी-समृद्ध रहो.