नमन
खुशी खुशी जो सो गए, ओढ़ कर कफन
कारगिल के शहीदो, शत शत तुम्हें नमन,,,,
माँ भारती के वीरों, शत शत तुम्हे नमन,,,
गोलियाँ-बारूद से भी, जो नहीं डरे
शहीद हो गए, लेकिन, हटे नहीं परे
रखेगी याद दुनिया, ना भूलेगा ये चमन
कारगिल के शहीदो,,,,,,,,
सिन्दूर, राखी, दूध भी, आड़े नही आया
माँ भारती से फ़र्ज़ तुमने, खूब निभाया
धरती भी रोयी उस दिन, रोया था ये गगन
कारगिल के शहीदो,,
तिरंगे में लिपटकर, जब घर में तू आया
पिता ना रोया जिसने, मन्नत से था पाया
बिलखती रही माँ और, तुम कर गए गमन
कारगिल के शहीदो, शत शत तुम्हें नमन,,,,,
— लक्ष्मी डबराल