बोन तथा जॉइंट दिवस पर रखे हड्डियों को स्वस्थ!
रात को सोते सोते जब 85 वर्षीय रीना ने नींद में करवट ली तो जमीन पर नीचे गिर गई जिससे उनकी हिप बोन का फ्रैक्चर हो गया। हमारी हड़ियाँ बढ़ती उम्र के साथ कमजोर तो होती ही है पर रीना कैंसर, उच्च रक्तचाप तथा गुर्दे के लिए कुछ दवाइया ले रही थी जिनके खाने से ऑस्टियोपोरोसिस नामक बीमारी हो गई थी। उनका सफल ऑपरेशन तो हो गया और अब वह फिजियोथेरेपी करवा रही है तथा वॉकर के सहारे के साथ कुछ कदम चल रही है।
हमारी बढ़ती उम्र के साथ कई कारणो से शरीर की हड्डियाँ कमज़ोर हो जाती है, जिससे फिर कमर दर्द, जोड़ो का दर्द तथा हड्डियाँ के फ्रैक्चर होने का खतरा बड़ जाता है। इससे बज़ुर्गो को बैठने तथा चलने में बहुत दिक्कत होती है। आजकल जिस भी महिला को देखो वो यही कहती फिरती है की मेरे घुटनो में इतना दर्द होता है, की मुझ से चला नहीं जाता, तभी तो घुटनो को बदलने के लिए आजकल ऑपरेशन आम बात सी हो गई है। जोड़ो के दर्द को आर्थराइटिस कहते है और एक अनुमान के साथ अगले दशक तक आर्थरिटिस विश्व में चौथी बड़ी सेहत समस्या बन कर उभर आएगी।
हमारी बदलती जीवनशैली से जुडी कुछ आदते कमज़ोर हड्डियाँ और इससे जुडी सेहत समस्या का कारण बन रही है, जैसे सिगरेट, शराब, फ़ास्ट तथा जंक का खाना, सोडा और अन्य कई पेयजल का सेवन, आलस्य तथा निष्क्रियता, विटामिन्स बी -12, फोलिक एसिड, कैल्शियम तथा विटामिन डी की कमी, बढ़ती उम्र के साथ हॉर्मोन में बदलाव, विशेषकर महिलाओं में, मोटापा, डायबिटीज और कैंसर जैसी कुछ बीमारिया तथा कई तरह की दवाई लेने से भी हड्डियाँ के कई रोग हो जाते है।
बचपन में हम सब सर्दियों में धुप सकते थे जिससे शरीर को मुफ्त में प्राकृतिक विटामिन डी मिल जाती थी, ताज़ी फल सब्ज़ी, शुद्ध दूध, घर का माखन और घी भरपूर मात्रा में दिन भर खाते पीते थे। इसे हज़म करने के लिए खेल कूद तथा व्यायम करते थे। सुबह सुबह बज़ुर्ग भी खूब सैर करते और हम बच्चे भी उनका साथ देते। आज कल तो बंद कमरों में कुर्सी पर बैठे बैठे शाम हो जाती है! एक अनुमान के अनुसार 90% भारतीय महिलाओं में विटामिन डी की कमी है।
न धुप का आनंद, न सैर और कसरत। ऊपर से विडम्बना है की दूध भी मिलावटी और फल सब्ज़ियों पर रसायनो के छिड़काव से हमारे शरीर की हड्डियाँ भी कमज़ोर हो गई है।
हर साल, 4 अगस्त के दिन को राष्ट्रीय हड्डियों और संयुक्त दिवस के रूप में मनाया जाता है । इस दिन का मुख्य उद्देश्य हड्डियों को स्वस्थ रखने की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। कोविड-19 महामारी के बीच हड्डियों के स्वास्थ्य पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है।
जीवनशैली में बदलाव लाने से, पौष्टिक खुराक लेने से, रोज़ाना व्यायाम और योग के द्वारा हम हड्डियाँ को मजबूत कर सकते है जिससे कमर के दर्द, स्पॉडिलिटिस अथवा फ्रैक्चर से बच सकते है।
-डॉक्टर अश्विनी कुमार मल्होत्रा