कविता

आजादी का हम जश्न मनाएं

देश में बलिदान देकर
जिसने आजादी दिलायी है,
उन अमर शहीदों को नमन है
जिसने ये आजादी दिखायी है।

आजादी का हम जश्न मनाएं
शहीदों के जयजय कार से
उनको सदा हम याद करें
श्रद्धा सुमन के शुभ हार से।

आओ हम ये शपथ खाएं
बलिदानों की लाज बचाएंगे,
चाहे अब कुछ भी हो जाए
वतन पे अपनी जान लुटाएंगे।

हर वर्ष पर या हर पर्व पर
चाहे आजादी या गणतंत्र पर
तुझ पर तनमन अर्पण है।
आजादी पाई जिसके बल पर।

यह पर्व मात्र पर्व दिवस न रहे
हम इसे बलिदानी पर्व मनाएंगे
भारत के उन महान सपूतों को
सर्वस्व अर्पित कर ऋण चुकाएंगे।

पर्व के इस शुभ अवसर पर
ये दृढ़ संकल्प नित दुहराएंगे
इस पर नियत गड़ाने वालों का
आंखे फोड़ कर छक्के छुड़ाएंगे।

देश मे समता भाईचारा का
हम प्रकाश जगमग फैलाएंगे
सबको अपना अधिकार मिले
देश को भ्र्ष्टाचार मुक्त बनाएंगे।

— अशोक  पटेल “आशु”

*अशोक पटेल 'आशु'

व्याख्याता-हिंदी मेघा धमतरी (छ ग) M-9827874578