कविता

उल्लास

उल्लासित जीवन की
अद्भूत है कहानी
मन में हो गर उल्लास
जीवन की सफल रवानी
गम से मन जब
उब जाता है
उल्लास जीवन को
पथ देता है
होली हो या
हो वो दीवाली
जग मग जग मग
होता रात भी काली
दशहरा हो या
प्रेम कहानी
जीवन सुखमय हो
अपनी जिन्दगानी
गम कितना भी
राह में आये
मंजिल पथ पे
पल पल भटकाये
तब थाम लेना
जीवन में
उल्लास का दामन
पावन राह में
मिल जाता है
खुशी का दामन
जिसने भी थामा
उल्लास का दामन
जीवन खुशी के
रंग भर जाता
जब उल्लासित
जीवन आ जाता
कट जाता है
दुर्गम भरी राहें
उजाला भर जाता
अंधियारी रातें
गम का बादल तब
छँट जाता है
पास उल्लास जब
संग होता है I

— उदय किशोर साह

उदय किशोर साह

पत्रकार, दैनिक भास्कर जयपुर बाँका मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार मो.-9546115088