मुक्तक/दोहा

दोहे जीवन के

अपना मतलब है परम,बाकी सब बेकार 
सच्ची वाली मित्रता ,रोज रही हैं हार।

साज नही वो सोहता,जिसके टूटे तार .
रिश्ते वो होते सही ,जिसमे होता प्यार।

हितकारी होता नही ,झगडा कलह विवाद ,
इनसे बचना मीत ये,होते दुख अनुवाद।

दुनिया धोखा है सनम,और जगत भ्रमजाल,
दुख-सुख के जंजाल में .जीवन एक सवाल।

ख़ुशी फूल जब भी खिलें,साथ रहे दुख शूल,
ये जीवन का सार है ,इसे न जाना भूल।

— महेंद्र कुमार वर्मा

महेंद्र कुमार वर्मा

द्वारा जतिन वर्मा E 1---1103 रोहन अभिलाषा लोहेगांव ,वाघोली रोड ,वाघोली वाघेश्वरी मंदिर के पास पुणे [महाराष्ट्र] पिन --412207 मोबाइल नंबर --9893836328