कविता

सुखी दाम्पत्य जीवन

दाम्पत्य जीवन की सबसे बड़ी जरूरत है
आपसी सामंजस्य और विश्वास,
एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान करना है।
परिस्थितियों से तालमेल
एक दूसरे की जगह खुद को
रखकर सोचने की जरूरत है ।
दाम्पत्य सिर्फ स्त्री पुरुष का संबंध
और परिणय बंधन भर नहीं
अपितु दो आत्माओं का मिलन
एक अविश्वसनीय संबंध भी है,
जिसे सिर्फ ढोना भर नहीं है
जीवन भर निभाना है,
सुखी दाम्पत्य के लिए सहन शक्ति भी
खुद में पैदा करना है।
पति हो या पत्नी
जिम्मेदारियाँ दोनों की समतुल्य हैं,
न कोई छोटा या बड़ा
न किसी की कम ज्यादा
समय परिस्थितियों के लिहाज से
बिना अहम या ईर्ष्या, द्वेष के
बस चलते जाना, दायित्व निभाना है।
सुखी दाम्पत्य के लिए
बस हंसते मुस्कुराते आगे बढ़ना है,
एक दूसरे का संबल बनते रहना है
सुखी दाम्पत्य जीवन बिताना है तो
एक दूजे का हाथ थाम जीवन बिताना है।

 

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921