महिला है तो क्या हुआ
महिला है तो क्या हुआ,
हम अबला नहीं है,
हम कोई बेजुबान भी नहीं ,
हम भी पुरुष से कन्धा मिला कर चलती है,
आज औरत प्रगति के हर क्षेत्र में ,
पुरुष की ही तरह भागीदार है,
कल्पना , बिचेंदेरी ,विलियम ,
पी टी उषा , और
सिंधु और साक्षी, ,
राजनीति में ,सेना में,
सब स्थान पर पूरी जिम्मेवार है,
और अब तो देश के सर्वोच्च
पद पर भी महिला आसीन है,
बस ,सोच को बदलना है,
समाज का सहयोग तलबना है,
औरत अब पुरुषों से आगे है
ज़रुरत है तो समान अधिकार की,
समान सुविधाओं की ,
केवल कंजक रूप में ही क्यों
हर नारी सदा पूजनीय है,
लड़की जब है प्यारी कन्या,
तब उसकी पूजा करते हैं सब,
फिर क्यों उसके बालिग होने पर,
शील रूप नहीं रखतें है हम,
लड़की बेटी बहन और पत्नी
रूप में कितना सुख देती है,
फिर सृष्टि की संचालक बन ,
मां का रूप भी धर लेती है,
आओ मिल कर करें प्रतिज्ञा,
नारी का सम्मान करेंगे ,
कभी न हो नारी का शोषण,
मिल कर ऐसा काम करेंगे,
अगर हम नर और नारी में
अंतर रखेगें ,
तो अपने समाज और देश के
पूर्ण उत्थान को तरसेगें.
— जय प्रकाश भाटिया